Sirsa News: सिरसा के होनहार छात्र रंजीत नागर ने किया आईआईटी में प्रवेश, गिगोरानी गांव में खुशी का माहौल
विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने मनजीत को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से इस प्रकार की उपलब्धियां अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनती हैं, जिससे उनमें आगे बढ़ने की ललक उत्पन्न होती है। विद्यालय के स्टाफ ने मनजीत के माता-पिता को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
हरियाणा के खंड चोपटा स्थित गीगोरानी गांव के प्रतिभाशाली छात्र मनजीत नागर (Ranjit Nagar) ने अपने पहले ही प्रयास में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) में प्रवेश प्राप्त कर गांव और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में जब मनजीत अपने गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत और सम्मान किया गया। एलन कैरियर इंस्टीट्यूट के कंसल्टेंट मोहनलाल छिंपा और अनिल जाखड़ ने संयुक्त रूप से उन्हें संस्थान का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने मनजीत को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से इस प्रकार की उपलब्धियां अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनती हैं जिससे उनमें आगे बढ़ने की ललक उत्पन्न होती है। विद्यालय के स्टाफ ने मनजीत के माता-पिता को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ के अलावा बिजली बोर्ड के जेई रोहताश शर्मा, गांव के सरपंच संदीप बैनीवाल, सुभाष नंबरदार, जगतपाल बैनीवाल, कोकचंद साहू, डॉ. रिसाल नागर, देवीलाल नागर, प्रहलाद नागर सहित मनजीत के पारिवारिक सदस्य उपस्थित थे।
मनजीत नागर की इस सफलता ने यह साबित किया है कि समर्पण, मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। ग्रामीण परिवेश में रहकर भी उच्चतम शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाना संभव है बशर्ते विद्यार्थी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित हों।
हरियाणा सरकार द्वारा संचालित ‘सुपर-100’ कार्यक्रम भी ऐसे ही प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यक्रम के तहत सरकारी विद्यालयों के मेधावी छात्रों को जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष कोचिंग प्रदान की जाती है।
वर्ष 2018 में शुरू हुए इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, सत्र 2019-21 में रेवाड़ी और पंचकूला केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 119 विद्यार्थियों में से 26 ने आईआईटी में प्रवेश प्राप्त किया है।